1000 वर्षों की गुलामी का
करोड़ो वीरों के बलिदानी का
अनगिनत प्रताड़नाओं का
जब हुआ अंत।
कभी मुगलों से
कभी अफगानों से
कभी तुर्की से
तो कभी अंग्रेजों से
अनेकों संघर्ष किये हमारे पूर्वजों ने
तब जाके हमें मिला ये गणतंत्र।।
इस पावन अवसर मनाने को।
बहुत संघर्ष किये इसे लाने को
सुन लो देश विरोधी ताकतों को सह देने वालों
करोडों युवा तैयार है आज भी
देश की आन पर मर मिट जाने को।।
करोड़ो मायों का गोद सुन हो गया
करोडों मांगे सुनी हो गई
हजारों मंदिर तोड़ दिए गए
और लाखों मारे गए संत
तब जाके हमे मिला ये गणतंत्र।।
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