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Saturday, 16 January 2021

कोरोना पर कविता

                     शीर्षक-
         2020 में कोरोना नाम का दैत्य आया था

1 साल में ही हर प्रलय का अनुभव कराया था 
2020 कोरोना नाम का दैत्य आया था।।
सृष्टि पर विनाश का साया मंडराया था ।
मनुष्य ने मनुष्य से दूरी बनाया था 
हर किसी को पिजड़े में रहना सिखाया था 
2020 में कोरोना नाम का दैत्य आया था।।

उसके नाम से ही मृत्यु का भय सताता था
हर कोई बाहर निकलते ही मास्क लगाता था
सप्ताह में एक दिन कोई बाहर जाता था
और पूरे सप्ताह की सामग्री लाता था
अत्यंत भयंकर महामारी वो लाया था
2020 में corona नाम का दैत्य आया था।।

चीन देश के खुरापात का नतीजा था वो
संसार को झुकाने का नया तरीका था हो
पूरी दुनिया थी इस दैत्य के आतंक से त्रस्त
और खुरापाती चीन था इसका लाभ उठाने में व्यस्त
पूरी मानवता को कर दिया था उसने ध्वस्त
अदृश्य था वो उसका न कोई काया था
न उसका कोई तोड़ था न कोई दवा था
लेकिन भारत के वैज्ञानिकों ने विश्व की
सबसे शक्तिशाली वैक्सिन बनाया था
और कोरोना को मार
 अपने कौशल का लोहा दुनिया मे मनवाया था
2020 में कोरोना नाम का दैत्य आया था।।

                         - प्रदीप ओझा

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