क्या मिला मुझे तोड़कर बता ए इंसान
* खत्म हो गई सारी तमन्ना,
खत्म हो गए सारे अरमान |
पल- भर कि खुशी के लिए,
ले ली तुने मेरी जान |
क्या मिला मुझे तोड़कर बता ए इंसान ||
* थी तमन्ना की मैं उस राह पर पडुँ,
जहाँ से गुजरे वीर सैनिक,
और मैं उनके पावों को चुमकर उनका स्वागत करूँ|
पर तुने मुझे तोड़कर खत्म कर दी सारी चाह,
मैं यहाँ रो रहा और तु मेरी खुशबु लेकर बोल रहा वाह |
उन वीरो के कदमों को चुमकर,
लेता कर मैं चारो धाम,
पा लेता सारा सुख,
और बचा लेता अपनी शान |
क्या मिला मुझे तोड़कर बता ए इंसान ||
* मिलेगा वो पल अब कहाँ,
जब मुझपे बैठने आयेंगी तितलियाँ |
अपने गोद में बैठकर,
पिलाती थी उन्हें अपने खुशबू का रस,
खत्म हो गई सारी खुशीयाँ,
अंतीम सम़य चल रहा बस ||
छोड़ के जा रही हुँ मैं अब ये जहान,
नहीं बन पायी मैं अपने मन में भी महान |
क्या मिला मुझे तोड़कर बता ए इंसान ||
* कर रही इंतजार तेरी प्रेमीका,
जा रहा मिलने उससे लेकर साथ मुझको,
मेरी हसरत तो रह गई अधुरी,
दुअा करूँगा मिल जाए प्यार तेरा तुझको |
उसने माँगा था ताजा फुल,
तुने कर लिया अपना काम,
जा पूरी कर उसकी इच्छा, लेकर हरि का नाम |
क्या मिला मुझे तोड़कर बता ए इंसान ||
* तुने मुझे उसको दिया,
मुझे देख उसने तुम्हें गले लगा लिया |
जब - तक बची थी खुशबू मुझमें,
उसने रखा था मुझे अपने पास,
जैसे ही खत्म हो गई मेरी खुशबू,
ऩा आया मैं उसको रास ||
फेंक दिया मुझे कुड़ादान में,
और हो गया मेरा किस्सा तमाम |
खत्म हो गई मेरी दुनिया,
खत्म हो गए मेरे अरमान |
पल भर कि खुशी के लिए,
ले ली तुने मेरे प्राण |
क्या मिला मुझे तोड़कर बता ए इंसान ||