template section ? "width=device-width,initial-scale=1.0,minimum-scale=1.0,maximum-scale=1.0" : "width=1100"' name='viewport'/> PRADEEP PRADUMAN: 2019

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Thursday, 12 September 2019

Pyar ke liye ful pr kavita

क्या मिला मुझे तोड़कर बता ए इंसान 

* खत्म हो गई सारी तमन्ना, 
     खत्म हो गए सारे अरमान |
    पल- भर कि खुशी के लिए, 
     ले ली तुने मेरी जान |
             क्या मिला मुझे तोड़कर बता ए इंसान ||

* थी तमन्ना की मैं उस राह पर पडुँ, 
जहाँ से गुजरे वीर सैनिक, 
और मैं उनके पावों को चुमकर उनका स्वागत करूँ|
पर तुने मुझे तोड़कर खत्म कर दी सारी चाह, 
    मैं यहाँ रो रहा और तु मेरी खुशबु लेकर बोल रहा वाह |
उन वीरो के कदमों को चुमकर, 
लेता कर मैं चारो धाम, 
पा लेता सारा सुख, 
 और बचा लेता अपनी शान |
 क्या मिला मुझे तोड़कर बता ए इंसान ||

* मिलेगा वो पल अब कहाँ, 
जब मुझपे बैठने आयेंगी तितलियाँ |
अपने गोद में बैठकर, 
पिलाती थी उन्हें अपने खुशबू का रस, 
खत्म हो गई सारी खुशीयाँ, 
   अंतीम सम़य चल रहा बस ||
छोड़ के जा रही हुँ मैं अब ये जहान,
नहीं बन पायी मैं अपने मन में भी महान |
  क्या मिला मुझे तोड़कर बता ए इंसान ||

* कर रही इंतजार तेरी प्रेमीका, 
जा रहा मिलने उससे लेकर साथ मुझको, 
मेरी हसरत तो रह गई अधुरी, 
  दुअा करूँगा मिल जाए प्यार तेरा तुझको |
उसने माँगा था ताजा फुल,
तुने कर लिया अपना काम, 
 जा पूरी कर उसकी इच्छा, लेकर हरि का नाम |
  क्या मिला मुझे तोड़कर बता ए इंसान ||

* तुने मुझे उसको दिया,
मुझे देख उसने तुम्हें गले लगा लिया |
जब - तक बची थी खुशबू मुझमें, 
उसने रखा था मुझे अपने पास, 
जैसे ही खत्म हो गई मेरी खुशबू, 
ऩा आया मैं उसको रास ||
फेंक दिया मुझे कुड़ादान में, 
और हो गया मेरा किस्सा तमाम |
खत्म हो गई मेरी दुनिया, 
खत्म हो गए मेरे अरमान |
पल भर कि खुशी के लिए,
ले ली तुने मेरे प्राण |
क्या मिला मुझे तोड़कर बता ए इंसान ||

- प्रदीप प्रदुमन